हर आदमी सब कुछ नही जानता है, लेकिन हर आदमी कुछ न कुछ जरूर जानता है। अक्सर किताबों और ग्रन्थों में लिखी हुयी महत्वपूर्ण और बेहतरीन प्रेरणादायी पंक्तियॉ एवं विचार भी लोगों को उद्वेलित नही कर पाती हैं, झंझोण नही पाती हैं, क्योंकि अधिकतर लोग उन विचारों को अपने दिमाग में प्रवेश ही नही करने देते है, क्योंकि उनके दिमाग में एक गलत धारणा बनी हुयी है कि हम सबकुछ जानते है।
कुछ अति बद्धिमान लोग थ्योरिटिकल बात, सुनी सुनायी बात, बहुत जगह पढ़ा है, जैसे शब्दों के माध्यम से इन क्रांतिकारी विचारों को गौण कर देते हैं, महापुरूषों/महानायकों की उपलद्धियों और उनके सघ्ंर्षो को सामान्य बना देते है।
यदि वास्तव में आप सीखने की प्रक्रिया आरम्भ करना चाहते हैं तो सबकुछ जानते हैं, इस धारणा को निकाल फेकना होगा। दिमाग के बंद दरवाजे को खोलना होगा, अच्छे और महत्वपूर्ण विचारों को अपने मस्तिष्क में प्रवेश करने देना होगा, और उनका अनुसरणा करना होगा। उदाहरण के रूप में हम निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़कर समझ सकते है कि सिर्फ जानने मात्र से ही जीवन रूपान्तरित नही होने वाला है।
गुस्सा संबन्धों को नष्ट कर देता है, सब जानते है लेकिन……………
दो नम्बर के कार्य करने पर फॅस सकते है, सब जानते है लेकिन…….
तेज गाड़ी चलाने से एक्सीडेण्ट हो सकता है, सब जानते है लेकिन…..
जल्दी सोना, जल्दी उठना हमारे स्वास्थ के लिए अच्छाा है, सब जानते है लेकिन…….
बिना मेहनत के सफलता नही मिलती, सब जानते है लेकिन……………………….
कोई भी इंसान मृत्यु के बाद दौलत साथ नही ले जायेगा, सब जानते है लेकिन……..
सिगरेट, तम्बाकू, शराब, गुटका, जानलेवा है, सब जानते है लेकिन………………….
इस तरह की हजारों बाते हैं, जिन्हे हम जानते हैं, परन्तु उनके प्रति गंभीर नही होते है, उन्हे अमल में नही लाते है और फिर उसकी कीमत चुकाते है।
क्या सिर्फ जानना ही महत्वपूर्ण है या जानने के साथ जीवन में आत्मसात करना भी महत्वपूर्ण है? जो जानता नही, इसलिए पालन नही कर पाता वह अज्ञानी है। लेकिन जो जानते है फिर भी यदि अनुसरण नही करते है तो वे मूर्ख है।
आप अपनी श्रेणी चुनिए अज्ञानी, मुर्ख, बुद्धिमान? और विस्तृत जानकारी के लिए डा. उज्जवल पाटनी द्वारा लिखित किताब जीत या हार रहो तैयार को पढ़ सकते है। इसी तरह के और भी लेख पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग www.dkumarsrj.com से जुड़े रह सकते है।
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Something went wrong.
Priya
Thank you so much marvellous because aaj k samay mai log aware ho rahe hai awareness k sath woh kahi na kahi jaaney an jaaney mai khudh ko superior proove karney lagtey hai unhey yeh jarur yaad rakhna chahiye ki har insaan sab kuch nhi jaanta lekein har koi kuch na kuch toh jaanta hi hai isiliye knowledge ko sahi jagah utilise karna chahiye na ghamand respect for all
Shivam saroj
Amazing words
Rajesh Kumar Singh
आपका प्रयास वास्तव में सकारात्मक ऊर्जा देने वाला और व्यक्ति को प्रगतिशील सोच विकसित करने में सहायक होने वाला है । आपके इस प्रयास की मैं भूरि भूरि प्रशंसा करता हूं और साथ-साथ धन्यवाद ज्ञापित करता हूं कि आपके इन ऊर्जावान विचारों की पूंजी से हम लोग लगातार अभिसिंचित होते रहें ।
Tabassum
Exactly 💯 I gree.
Abhishek Saroj
marvelous
Udit
This blog is so much inspirational and the words which are used, making this article amazing. The “Lekin” word which are used for giving the example is extraordinary. Everybody knows that what is right and what is wrong but…………………
I like this article much🙌👌
Tehseen Khan
Great thought… Yr👍👍👍.. Keep posting this types of articles.
Aayushi
Truelly motivational and encouraging🙌👏
Samrat..
Jo log kehte hai ki woh sab kuch jaante hai. It doesn’t mean ki woh.woh sabkuch bhi jaante hai ,Jo woh nhi jaante hai.
Rajan Yadav
Nice article👌
Satyam verma
Thank you so much sir
Utkarsh Tripathi
an eye opening piece of writing…great applause for it.
Anjali
Superb we should learn from everyone 😌 excellent
Aayushi
Encourage with learning loved it 👌
Suhani kumari
Superb sikhna jaruri hai powerful
Ishu
Very well said aaj ki generation k liye bahot imp hai
Rk
Very motivational and encouraging blog
Sudhakar Sharma
कोई भी आदमी सब कुछ जाम ही नहीं सकता क्योंकि “पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यत ” के सिद्धांत के अनुसार, ब्रह्म के अतिरिक्त कुछ भी पूर्ण नहीं है। हाँ ये जरूर है कि दूसरी ओर यह मान्यता भी है कि प्रकृति की कोई भी रचना निरर्थक नहीं होती है, भले ही हम उसका हेतु न समझ पाएं।
Abhishek Yadav
That happens because most of the people don’t know What they don’t know. And thinks whatsoever they know is the ultimate truth thus they becomes stick to that thought hence become ego centric who never wants to listen to others..